शरीर
सिर्फ नश्वर नहीं है
वो स्मृति स्थल भी है |
उसे स्मरण है,
अपनी भंगुरता का |
जब भी विद्रोह के ज्वार
उसके ह्रदय को उद्वेलित करते है,
स्मृति-स्थल की दिवारों से
टकरा कर
वो शांत हो जाते है |
शरीर
सिर्फ नश्वर नहीं है
वो स्मृति स्थल भी है |
उसे स्मरण है,
अपनी भंगुरता का |
जब भी विद्रोह के ज्वार
उसके ह्रदय को उद्वेलित करते है,
स्मृति-स्थल की दिवारों से
टकरा कर
वो शांत हो जाते है |
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